लखीमपुर खीरी जनपद में नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए घरेलू गैस सिलेंडरों की अवैध बिक्री अब आम बात हो गई है। केवल गोला रोड ही नहीं, बल्कि शहर के कई प्रमुख चौराहों, बाजारों और बस्तियों में फुटपाथों पर खुलेआम गैस सिलेंडर बेचे जा रहे हैं। यह एक खतरनाक चलन बनता जा रहा है, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
सुरक्षा आदेशों की उड़ रही धज्जियां
भारत सरकार की गैस सिलेंडरों के भंडारण और बिक्री से संबंधित स्पष्ट गाइडलाइंस हैं। पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (PESO) के नियमों के अनुसार, घरेलू एलपीजी सिलेंडरों को केवल अधिकृत डीलर के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर ही वितरित और बेचा जा सकता है। साथ ही, एलपीजी कंट्रोल ऑर्डर 2000 के तहत बिना लाइसेंस गैस सिलेंडर का भंडारण, परिवहन या बिक्री पूरी तरह गैरकानूनी है।
इन आदेशों के अनुसार गैस सिलेंडरों की बिक्री घनी आबादी वाले इलाकों, बाजारों, सड़क किनारे या सार्वजनिक स्थलों पर नहीं की जा सकती। इसके बावजूद लखीमपुर खीरी में यह नियम किताबों तक सीमित होकर रह गए हैं।
हाल ही में हुआ हादसा भी नहीं बना सबक
कुछ ही समय पहले गोला रोड पर एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया था, जहां सड़क किनारे रखे गए सिलेंडर से रिसाव के चलते आग लग गई थी। स्थानीय लोगों की सूझबूझ और दमकल विभाग के तत्काल हस्तक्षेप से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इसके बाद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से कई बार शिकायतें की हैं, लेकिन अब तक न तो अवैध दुकानों पर छापेमारी हुई, न ही किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इससे साफ है कि या तो प्रशासन इन अवैध कारोबारियों के साथ मिला हुआ है या फिर उसे आम जनता की सुरक्षा से कोई सरोकार नहीं।
स्थानीय लोगों की चिंता
स्थानीय निवासी सुरेश यादव कहते हैं, “हमारे बच्चों का रोज इन्हीं रास्तों से गुजरना होता है। अगर कभी कोई सिलेंडर फट गया तो बड़ी जनहानि हो सकती है। प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
वहीं, दुकानदार विनीत वर्मा कहते हैं, “हम लाइसेंस लेकर काम कर रहे हैं और ये लोग खुलेआम नियम तोड़ते हैं। इससे हमारे व्यापार पर भी असर पड़ता है।”
जरूरी है सख्त कार्रवाई
अब जरूरत है कि जिला प्रशासन और खाद्य एवं रसद विभाग तुरंत सख्ती बरते। PESO और एलपीजी कंट्रोल ऑर्डर के तहत उल्लंघन करने वालों पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही पुलिस और प्रशासन को मिलकर एक संयुक्त अभियान चलाना चाहिए, जिससे इस तरह की अवैध गतिविधियों पर रोक लगे और शहर को किसी भी संभावित हादसे से बचाया जा सके।