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कान्हा गौशाला में लापरवाही पर फूटा जिलाधिकारी का गुस्सा, स्टाफ को लगाई फटकार,व्यवस्थाओं की बिगड़ी हालत, भूख से व्याकुल गौवंश, निर्माणाधीन सेंटर अधूरा

संवाददाता पवन शर्मा कदौरा जालौन

जिलाधिकारी राजेश पांडेय ने गुरुवार को कदौरा स्थित कान्हा गौशाला का औचक निरीक्षण किया, जहां व्यवस्थाओं की बदहाल स्थिति देख वे खासे नाराज नजर आए। निरीक्षण के दौरान साफ-सफाई से लेकर पशुओं के भोजन तक, हर स्तर पर भारी लापरवाही पाई गई। तथा देख रेख करने वाले केयर टेकर की अनुपस्थिति ने उनकी नाराजगी और बढ़ा दी गौरतलब है कि प्रशाशन गौशालाओ की हालत सुधरण करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए है परंतु भौतिक स्थित अत्यंत कमजोर है इसी क्रम में जिलाधिकारी राजेश पांडेय ने कदौरा स्थित कान्हा गौशाला में सबसे पहले पेयजल हौद की स्थिति देखी, जिसमें सप्ताह भर से पानी नहीं बदला गया था। हौद की सतह पर जमी चिकनाई और गंदगी साफ दर्शा रही थी कि गौशाला में नियमित साफ-सफाई का अभाव है। इस पर उन्होंने संबंधित केयरटेकरों को कड़ी फटकार लगाई और तत्काल सफाई व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। जैसे ही जिलाधिकारी गौशाला परिसर में पहुंचे, केयर टेकरो व स्टाफ के द्वारा खली और चूनी का वितरण शुरू हो गया, जिससे स्पष्ट हुआ कि निरीक्षण के दौरान व्यवस्थाएं केवल दिखावे के लिए संचालित की जा रही थीं।

भूख से व्याकुल गौवंश मात्र 50 ग्राम चना और गुड़ के लिए टूट पड़े, जो इस बात का संकेत था कि उन्हें नियमित और पर्याप्त आहार नहीं मिल रहा है।नगरपंचायत अध्यक्ष अर्चना शिवहरे की देखरेख में संचालित गौशाला में स्टाफ की कमी और केयरटेकरों की मनमानी भी उजागर हुई। निरीक्षण में कई नर गौवंश अत्यंत कमजोर अवस्था में मिले, जिससे गौवंश की उपेक्षा स्पष्ट नजर आई। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने 28 लाख की लागत से बन रहे वेस्ट एंड बेस्ट सेंटर के निर्माण कार्य की धीमी गति पर असंतोष जताया और इसे शीघ्र पूर्ण कर क्रियाशील करने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि गौवंश की देखरेख में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और दोषियों पर सख्त कार्रवाई तय है।

-जिलाधिकारी को हरे चारे की जगह किसान की निजी मूंग फसल को हरे चारे के रूप दिखाने की कोशिश।

गौवंश के लिए हरे चारे की स्थिति की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने 14 बीघे में सूडान चरी बोने के आदेश की पड़ताल की। जिसमें जिम्मेदारों द्वारा मूंग की फसल को नेपियर घास बना दिखाने की कोशिश की, जिसमें जिलाधिकारी ने मूंग की फसल बताते हुए, झूठ पर फटकार लगाई मौके पर मात्र 8 बीघे में चरी बोई गई थी, वह भी गौशाला से 7 किमी दूर, जिससे उन्होंने असंतोष जताते हुए कहा कि इसे पास के खेतों में बोया जा सकता था। मौके की जांच में यह भी सामने आया कि चरी सिर्फ 10 दिन पूर्व ही बोई गई है, जिससे पशुओं को अगले एक महीने तक हरे चारे से वंचित रहना पड़ सकता है।उन्होंने तत्काल और अधिक क्षेत्र में नेपियर व सूडान चरी बोने के आदेश दिए और पूरी व्यवस्था को सुधारने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पशु कल्याण के कार्यों में कोताही करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस मौके पर उपजिलाधिकारी सुशील कुमार सिंह , सी वी ओ मनोज अवस्थी बी डी ओ अरुण कुमार सिंह, जिला क्रय अधिकारी गोविंद उपाध्याय, रवि शिवहरे आदि उपस्थिति रहे।

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