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काशी अब सिर्फ पुरातन नहीं, बल्कि प्रगतिशील भी

संजय उपाध्याय संत कबीर नगर

पीएम ने कहा- कल हनुमान जन्मोत्सव है। आज मुझे संकटमोचन महाराज की काशी में आपके दर्शन का सौभाग्य मिला। हनुमान जन्मोत्सव से पहले काशी की जनता आज विकास का उत्सव मनाने के लिए इकट्‌ठी हुई है। 10 साल में बनारस के विकास ने गति पकड़ी है। काशी ने आधुनिक समय को साधा है। विरासत को संजोया है। भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में काम किया। काशी अब सिर्फ पुरातन नहीं, बल्कि प्रगतिशील भी है। काशी अब पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे के केंद्र में हैं।

पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे का केंद्र है काशी
संजय उपाध्याय संत कबीर नगर

पीएम मोदी ने कहा कि आज काशी सिर्फ पुरातन नहीं मेरी काशी प्रगतिशील भी है। पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे के केंद्र में है। काशी के स्वयं महादेव रखवाले हैं। कहा कि पूर्वांचल के अनेक हिस्सों में जुड़ी ढेर सारी परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। कनेक्टिविटी को मजबूती देने वाले अनेक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट गांव गांव, हर घर नल से जल पहुंचने का अभियान,स शिक्षा स्वास्थ्य और खेल सुविधाओं का विस्तार और हर क्षेत्र हर परिवार हर युवा को बेहतर सुविधाएं देने का संकल्प। यह सारी बातें, यह सारी योजनाएं पूर्वांचल को विकसित पूर्वांचल बनाने की दिशा में मिल का पत्थर बनने वाली है। काशी के हर निवासी को इन योजनाओं से खूब लाभ मिलेगा। इन सभी विकास कार्यों के लिए बनारस के लोगों को पूर्वांचल के लोगों को मैं ढेर सारी बधाई देता हूं।

सत्ता हथियाने के लिए खेल खेलने वालों का एक ही सिद्धांत- परिवार का विकास_
संजय उपाध्याय संत कबीर नगर

पीएम ने कहा- काशी के हर निवासी को इन 39 योजनाओं से खूब लाभ मिलेगा। सभी विकास कार्यों के लिए बनारस, पूर्वांचल के लोगों को बधाई देता हूं। आज सामाजिक चेतना के प्रतीक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती भी है। महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले जी ने जीवन भर नारीशक्ति के हित, उनके आत्मविश्वास और समाज कल्याण के लिए काम किया।
महात्मा फुले जी जैसे ही देश सेवा का हमारा मंत्र रहा है। सबका साथ-सबका विकास। जो लोग सिर्फ सत्ता हथियाने के लिए दिन रात खेल खेलते रहते हैं। उनका सिद्धांत है- परिवार का साथ, परिवार का विकास। इन बहनों ने बता दिया है कि भरोसा किया जाए तो भरोसा नया इतिहास रच देता है। यह बहनें अब पूर्वांचल के लिए नई मिसाल बन चुकी हैं।

सबका साथ सबका विकास के संकल्प को बढ़ा रहे आगे_
संजय उपाध्याय संत कबीर नगर
पीएम ने कहा साथियों आज मैं एक बात और भी कहना चाहूंगा। महात्मा फुले जी जैसे त्यागी तपस्वी महापुरुषों के प्रेरणा से ही देश सेवा का हमारा मंत्र रहा है। सबका साथ सबका विकास हम देश के लिए उसे विचार को लेकर के चलते हैं। जिसका समर्पित भाव है सबका साथ सबका विकास। जो लोग सत्ता पाने के लिए दिन रात खेल- खेलते रहते हैं उनके सिद्धांत हैं परिवार का साथ परिवार का विकास। आज मैं सबका साथ सबका विकास के संकल्प को साकार करने की दिशा में पूर्वांचल के पशुपालक परिवारों को विशेष रूप से आगे बढ़ा रहे हैं। हमारी मेहनतकश बहनों को विशेष बधाई देता हूं। इन बहनों ने बता दिया है, अगर भरोसा किया जाए तो वह भरोसा नया इतिहास रच देता है। यह पहले आप पूरे पूर्वांचल के लिए नई मिसाल बन चुकी हैं। थोड़ी देर पहले उत्तर प्रदेश के बनास डेरी प्लांट से जुड़े सभी पशुपालक साथियों को बोनस वितरित किया गया है। 100 करोड़ रुपये से ज्यादा आपके पसीने का आपका परिश्रम का तोहफा है।

बनास डेयरी ने तकदीर और तस्वीर दोनों बदली_
संजय उपाध्याय संत कबीर नगर

“बनास डेयरी ने तकदीर और तस्वीर दोनों बदली हैं। इस डेयरी ने आपके सपनों को नई उड़ान दी है। इन प्रयासों से पूर्वांचल की अनेक बहनें अब लखपति दीदी बन गई हैं। जहां पहले गुजारे की चिंता थी, वहां अब कदम खुशहाली की ओर बढ़ रहे हैं। यह परिवर्तन बनारस के साथ-साथ पूरे देश में दिखाई दे रहा है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। 10 वर्षों में दूध उत्पादन में 65% की वृद्धि हुई है, यानी डबल से भी ज्यादा। यह सफलता आप जैसे किसानों की है। यह सफलता एक दिन में नहीं मिली है। 10 वर्षों से हम देश के पूरे डेयरी सेक्टर को मिशन मोड में आगे बढ़ा रहे हैं। हमने पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है, उनके लिए लोन की सीमा बढ़ाई है और सब्सिडी का भी इंतजाम किया है।

काशी अब आरोग्य की राजधानी बन रही

संजय उपाध्याय संत कबीर नगर

“देश में 20 हजार से ज्यादा सहकारी समितियों को फिर से खड़ा किया गया। प्रयास है कि डेयरी सेक्टर के लोगों को एक साथ जोड़कर आगे बढ़ाया जा सके। गायों की ब्रीडिंग का काम साइंटिफिक अप्रोच से हो, इसके लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन का काम चल रहा है। पूर्वांचल के करीब एक लाख किसानों से आज बनास डेयरी दूध कलेक्ट कर रही है। बुजुर्ग साथियों को आयुष्मान वंदना कार्ड सौंपने का अवसर मिला। मैंने उनके चेहरे पर जो संतोष का भाव देखा, वह मेरे लिए इस योजना की सबसे बड़ी सफलता है।
इलाज को लेकर घर के बुजुर्गों की जो चिंता रहती है, वह हम सब जानते हैं। 10–11 साल पहले पूर्वांचल में इलाज को लेकर जो परेशानियां थीं, वह भी हम सब जानते हैं। आज तस्वीर बदल गई है। काशी अब आरोग्य की राजधानी बन रही है।

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