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जांच में उजागर हुआ 34.72 लाख रुपये का घपला

मेंहदावल ब्लॉक के ग्राम थरौली का है मामला

सूरज उपाध्याय संत कबीर नगर

मेंहदावल विकास खंड के ग्राम पंचायत थरौली में शिकायत पर हुई जांच में 34.72 लाख रुपये का घपला उजागर हुआ है। जांच में पाया गया कि पशु पालकों द्वारा स्वयं के संसाधानों से बनवाए गए पशुशेडों को सरकारी मद से निर्मित होना दर्शा कर रकम हड़प लिया गया। इसके अलावा अन्य कार्यों में अनियमितता की गई है। कई परियोजनाओं पर जांच टीम को पत्रावली उपलब्ध नहीं कराई गई। जांच में प्रधान, तकनीकी सहायक और तीन तत्कालीन सचिव दोषी पाए गए है। डीएम ने संबंधितों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। साथ ही संतोषजनक जवाब न होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। विकास खंड मेंहदावल के ग्राम पंचायत थरौली के रहने वाले अनिल कुमार दूबे ने ग्राम पंचायत में निर्मित पशु शेडों और अन्य कार्यों में अनियतितता की शिकायत की थी। जनपद स्तर से त्रिस्तरीय जांच समिति गठित करके प्रकरण की जांच कराई गई। जांच समिति की रिपोर्ट के मुताबिक ज्ञानती पुत्र लल्लन ने बताया कि उन्हें पशु शेड नहीं दिया गया है। उन्हें सिर्फ आवास दिया गया है।

77 हजार 324 रुपये की वित्तीय अनियमितता पाई गई। जबकि धर्मेद्र पुत्र जयकरन ने लिखित रूप में बयान दिया कि उनका पशु शेड बना है, जिसको मनरेगा योजनांतर्गत निर्मित बताया जा रहा है, लेकिन पशु शेड उन्होंने अपने निजी संसाधनों से बनवाया है। लोरिक की पुत्री रीता देवी ने बताया उनके यहां कोई पशु शेड नहीं है। 80 हजार 984 रुपये की अनियमितता पाई गई। राममूरत पुत्र रामदौर ने लिखित बयान दिया कि पशु शेड ग्राम प्रधान द्वारा नहीं बनवाया गया है, बल्कि उनके स्वयं के संसाधनों से बनवाया गया है। जबकि विमला पत्नी बिजली ने बताया कि पशु शेड उनके जरिए स्वयं का बनवाया गया है। बबलू पुत्र श्याम सुंदर ने लिखित बयान दिया कि घर के पीछे जो पशु शेड बना है, वह उनके द्वारा बनवाया गया है। जिसमें कोई सरकारी सहायता मुझे नहीं प्राप्त हुई है।इस तरह देवता पत्नी रामरतन ,राधेश्याम,गुड्डू,गोरख आदि ग्राम वासियों ने बताया कि हम लोगों के नाम पर सरकारी धन का बंदर बाट किया गया है।

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