(इंद्र बहादुर सिंह)
बीकेटी, लखनऊ। जनहित के मुद्दों और साहसिक आवाज के लिए पहचाने जाने वाले किसान नेता और सामाजिक कार्यकर्ता दीपक शुक्ला उर्फ़ तिरंगा महाराज, नीलांश वाटर पार्क मैं पैमाइश के दौरान हुए विवाद को लेकर एक बार फिर न्याय की गुहार लगाते नजर आए। शुक्रवार को उन्होंने एसीपी अमोल मुरकुट को प्रार्थना पत्र सौंपा। उन्होंने आरोप लगाया कि 25 नवंबर को बीकेटी तहसील में प्रदर्शन के बाद उपजिलाधिकारी सतीश चंद्र त्रिपाठी के निर्देश पर जब वह नीलांश वाटर पार्क पहुंचे, तो वहां लेखपाल तुषार से विवाद हुआ। उसी दौरान उनके साथ मारपीट कर उनका मोबाइल छीन लिया गया। तिरंगा महाराज का कहना है कि उनके मोबाइल में कई गोपनीय जानकारियां थीं, जिनके दुरुपयोग से उनकी निजता को खतरा उत्पन्न हो रहा है।
बावजूद इसके, अब तक न तो एफआईआर दर्ज की गई और न ही मोबाइल बरामद हो सका। बीकेटी और मलिहाबाद के उपजिलाधिकारियों ने मोबाइल वापस दिलाने का आश्वासन तो दिया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। बीकेटी विधायक योगेश शुक्ला भी कई बार उच्चाधिकारियों से इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराने और दोषी पर कार्रवाई करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन पुलिस अब तक मौन है। तिरंगा महाराज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेखपाल तुषार को निलंबित करने और सीबीआई जांच कराने की मांग की है।गौरतलब है कि तिरंगा महाराज नीलांश वाटर पार्क परिसर की कथित सरकारी और कृषकों की भूमि पर हो रहे अतिक्रमण के खिलाफ वर्षों से आंदोलनरत हैं। अब देखना यह होगा कि क्या छह माह से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे तिरंगा महाराज को प्रशासन से राहत मिलती है या नहीं।