इरफान अली
तंबाकू का सेवन किसी भी रूप में किया जाय, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही होता है। इस वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम “तंबाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योग की व्यावसायिक रणनीति को उजागर करने की है।” उपरोक्त जानकारी जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जसुई के दंत चिकित्साधिकारी और ओरल कैंसर विशेषज्ञ डॉ आनन्द प्रताप सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि तंबाकू उपयोग पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका कारोबार और उपयोग विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में तेजी से बढ़ रहा है। तंबाकू कंपनियां विभिन्न प्रकार के साधनों के जरिए महिलाओं, बच्चों और युवाओं को अपने उत्पादों के प्रति आकर्षित कर रही हैं। प्रत्येक जिम्मेदार नागरिक को महिलाओं और युवाओं को सुगंधित और रंगीन तंबाकू उत्पादों के माध्यम से लत में फंसाने के लिए तंबाकू उद्योग की चालों से जागरूक होते हुए इन्हें बचाने की ज़रूरत है।
तम्बाकू का उपयोग विश्व स्तर पर रोके जा सकने वाली मृत्यु का प्रमुख कारण है। वर्तमान में अपने देश में किशोरो और महिलाओं में धूम्रपान उपयोग की दर तेजी से बढ़ रही है। तम्बाकू उद्योग द्वारा ई-सिगरेट और गर्म तम्बाकू उत्पादों जैसे नए निकोटीन उत्पादों को बढ़ावा देना विशेष रूप से चिंताजनक है। इन उत्पादों में अक्सर ऐसे स्वाद और रंगीन डिज़ाइन होते हैं जो महिलाओं और युवाओं को आकर्षित करते हैं, जिससे उनकी तंबाकू के प्रति निर्भरता दर बढ़ जाती है। ई-सिगरेट के 16000 से अधिक स्वादों में उपलब्ध होने के कारण उपयोगकर्ता युवा उत्पादों की ओर आकर्षित होते हैं।
चिंताजनक बात यह है कि पुरुषों और महिलाओं के बीच तम्बाकू के उपयोग में अंतर कम होता जा रहा है, क्योंकि अधिक से अधिक महिलाएं और लड़कियां धूम्रपान कर रही हैं, जिससे उन्हें गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस और प्रजनन संबंधी समस्याओं जैसे स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है।महिलाओं और युवा पीढ़ी को तंबाकू के चक्रव्यूह से बचाने एवं तंबाकू मुक्त भविष्य के लिए प्रबुद्ध एवं जिम्मेदार वर्ग को अपने बच्चों, अपने समुदायों, अपने राष्ट्र और अपनी भावी पीढ़ियों के लिए तंबाकू उद्योग की चालों के खिलाफ़ साहसिक कदम उठाने के लिए एकजुट होना पड़ेगा।”