लालगंज/प्रतापगढ़। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संग्रामगढ़ के स्वास्थ्य कर्मियों के कारनामों के कारण आये दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संग्रामगढ़ चर्चा में रहता है। कभी मरीजो तिमारदारो से अभद्र व्यवहार को लेकर तो कभी आशा बहुओ से धन उगाही को लेकर चर्चा में बना रहता है। तो कभी चिकित्सको के लापरवाही पूर्वक चिकित्सकीय ईलाज से शिशु की मृत्यु के कारण, तो कभी पत्रकार के खबर लिखे जाने पर चिकित्सक के द्वारा फोन पर पत्रकार को धमकी देने के कारण।

मामले को युवको ने बताया। दो युवक सूरज और लल्लन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संग्रामगढ़ निरोध लेने के लिए आये। निरोध बाक्स से युवको ने एक एक पैकेट निरोध लिया गया। इस पर फर्मासिस्ट ने कड़े शब्दो में फटकार लगाया गया। युवक ने कहा ले जाने के लिए ही तो रखा है। यह बात फर्मासिस्ट और उनके स्टाफ को अच्छी नही लगी। और चीफ फर्मासिस्ट को बुलाकर कहने लगे अभी ठीक कर दिये जाओगे। युवको ने भी जवाब दिया। इतने मे फर्मासिस्ट का स्टाफ उग्र होने लगा और युवको से मारपीट करने की नौबत आ गयी। बहसबाजी बढ़ती गयी।
बी सी पी एम अनिल जयसवाल आ गये और युवको से बहस करते हुए अपशब्दों का प्रयोग करने पर युवक ने अपशब्द देने के लिये मना किया।

बहस से झल्लाए बीसीपीएम अनिल जयसवाल युवक से भीड़ गये। बी सी पी एम के भिड़ते ही उनका स्टाफ युवक को जबरन खींच कर ड्रेसिंग रूम में ले जाकर बंद करके मारापीटा गया यहाँ तक की दरवाजा खिड़की सब बंद कर लिया गया। जिसका वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया।

पीड़ित सूरज और लल्लन ने भी कमरे में बंद करके मारने की बात बतायी गयी और यह भी बताया कि कभी दिखायी मत पड़ना अस्पताल नही तो फिर पीटे जाओगे। पीड़ितों ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा मुँह ना खोलने की धमकी दिया गया। और बोले कि मुँह कहीं खोला तो समझ लेना। चीफ फर्मासिस्ट का कहना है। कि एक युवक की अभी शादी नही हुयी है। निरोध ले जाकर क्या करेंगे? और बताये कि ज्यादा पैकेट लिया गया। जब कि युवक के हाथ में सिर्फ एक पैकेट निरोध रहा है।

स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा किये गए अमानवीय व्यवहार पर मौके पर मौजूद रहे नागरिको ने कड़ा विरोध जताया। नागरिको ने कहा कि यहाँ के स्वास्थ्य कर्मी आये दिन मरीजो तिमारदारो को अपमानित करते रहते हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ जी एम शुक्ला ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संग्रामगढ़ अधीक्षक डॉ दिनेश सिंह की जिम्मेदारी बनती है । कि कार्यवाही करें। और मेरे द्वारा भी स्पष्टिकरण माँगा जायेगा। अब सवाल खड़ा होता है कि स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा आये दिन मरीजो तिमारदारो से अभद्र व्यवहार करने पर कार्यवाही होगी या लीपापोती होगी।