सतीश चन्द्र

बदायूं सच को कितना ही छिपाया जाए परन्तु आखिर में सत्य होता हैं जीत हमेशा सत्य की होती हैं जब हाशमी पब्लिक स्कूल की की खबर को जब प्रकाशित किया गया गया तो बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खण्ड शिक्षा अधिकारी आसफपुर को जॉच के निर्देश दिए

जब हाशमी पब्लिक स्कूल की जॉच की गई तो विद्यालय की मान्यता ही नहीं थी और हाशमी पब्लिक स्कूल को बंद करने के निर्देश दिए गए जबकि फर्जी स्कूल चलाने के सम्बंध में एफआईआर क्यों नही कराई गई। जब स्कूल बंद हो जायेगा तो विद्यालय में जो बच्चे पढ़ते हैं उनका भविष्य क्या होगा।

क्या खण्ड शिक्षा अधिकारी ने शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों का क्या भविष्य तय किया क्या इन बच्चो का भविष्य बीच में ही पढ़ाई से वंचित रह जायेगा। जब बिना मान्यता के विद्यालय कई वर्षो से संचालित है तो अधिकारियो को जानकारी नहीं हुई सूत्रो की माने तो हाश्मी पब्लिक स्कूल का संचालन शिक्षा विभाग की मिलिभगत से चल रहा था। पता नहीं एसे कितने विद्यालय हैं जो जिले में फर्जी तरीके से चल रहे हैं। अब देखना यह है कि जिले और चल रहे फर्जी विद्यालय की जॉच होगी या नहीं।