घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है लोगो का जनजीवन अस्त-व्यस्त है

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आर्य चेतना रीता पाल

बहराइच । जिले के 2 तहसील के ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। इससे ग्रामीणों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। संपर्क मार्गों पर पानी चलने से लोगों को दैनिक कार्यों में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जरवल में घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 48 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।

जिले के शहरी क्षेत्रों में बारिश नहीं हो रही है। वहीं नानपारा तहसील और मोतीपुर तहसील क्षेत्र में शुक्रवार को भी बारिश हुई है। नेपाल के पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बारिश जिले की नदियों पर असर डाल रहा है। मोतीपुर तहसील क्षेत्र में स्थित तीन बैराड़ों से प्रतिदिन दो से तीन लाख पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। जिससे घाघरा और सरयू नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है।

नदियों के उफान से नानपारा और महसी तहसील क्षेत्र के गडरियापुरवा, बल्दू पुरवा, पसियन पुरवा, नावन पुरवा, कंडा बेली, अहिरन बेली, अंबरपुर, बरोही टेपरी, तिगड़ा, चौकसाहार, मांझा, डल्ला पुरवा, गिरदा, पाठक पुरवा, नवादा, सैयद नगर, कोला बॉडी, सुमई पूरवा, बाज पुरवा, पिपरिया, लाला पिपरिया समेत 20 गांव में पानी भरा हुआ है।

वहीं इन गांव के संपर्क मार्गों पर भी पानी चल रहा है। जिससे आवा गमन करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई लोगों के मकान भी पानी में गिर गए हैं। कुछ यही हाल विकास खंड मिहिपुरवा के जंगल से सटे गांवों की है। अभी तक प्रशासन की ओर से इन ग्रामीणों को कोई सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई है।

उधर जरवल विकासखंड में घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 41 सेंटीमीटर ऊपर पहुंचा है। नदी का जलस्तर प्रति घंटे दो सेंटीमीटर घट रहा है। अपर जिलाधिकारी एके सागर ने बताया कि बाढ़ कि अभी स्थिति नहीं बनी है लेकिन निचले इलाकों में पानी जरूर भरा है। उन्होंने बताया कि राजस्व कर्मी निरंतर अलर्ट पर हैं। नदियों के जल स्तर पर नजर रखी जा रही है/