बागपत जेल में की गई थी मुन्ना बजरंगी की हत्या आज सीबीआई की टीम ने कारागार में क्राइम सीन किया।

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बागपत। पूर्वांचल के माफिया डान मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले की जांच करने के लिए एक बार फिर सीबीआइ की टीम जेल पहुंची। पुतले का प्रयोग करते हुए क्राइम सीन रिक्रिएट किया। हर बिंदु पर गहनता से जांच की। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर केस की सीबीआइ जांच कर रही है। मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने बागपत पुलिस पर निष्पक्ष विवेचना न करने की आशंका जताई थी। सीमा ने ही हाईकोर्ट में सीबीआइ जांच के लिए अर्जी दाखिल की थी। सीबीआइ की टीम कई बार जेल में पहुंचकर जांच कर चुकी है।

इसी क्रम में एक बार फिर टीम ने गुरुवार को जेल में पहुंचकर कई घंटे तक गहनता से जांच की। इसकी पुष्टि जेलर जितेंद्र कश्यप ने की है। यह है मामला भाजपा नेता एवं बड़ौत के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित व उनके भाई नारायण दीक्षित से वर्ष 2017 में झांसी जेल में बंद माफिया डान मुन्ना बजरंगी के नाम से फोन पर रंगदारी मांगी गई थी तथा उनके गांव ग्यासरी उर्फ गाधी में आकर बाइक सवार बदमाशों ने धमकी दी थी। कोतवाली पर दो मुकदमे दर्ज हुए थे। पुलिस मुन्ना बजरंगी को बी-वारंट पर नौ जुलाई 2018 को अदालत में पेश करने के लिए एक दिन पहले यानी आठ जुलाई की रात झांसी जेल से लेकर आई थी। पुलिस ने रात को बजरंगी को जिला कारागार में दाखिल कर दिया था।

नौ जुलाई की सुबह उसकी गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। पहले से इस जेल में बंद कुख्यात सुनील राठी ने पुलिस के सामने मुन्ना बजरंगी की हत्या करना कबूल किया था। उसकी निशानदेही पर जेल के सेफ्टी टैंक से एक पिस्टल, दो मैग्नीज व 22 कारतूस बरामद करने का पुलिस ने दावा किया था। आरोपित सुनील राठी के खिलाफ खेकड़ा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। वहीं मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह, रिटायर्ड डिप्टी एसपी जेएम सिंह, प्रदीप उर्फ पीके, महराज सिंह व विकास उर्फ राजा पर पति की हत्या की साजिश का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की थी। सुनील राठी के खिलाफ दाखिल की थी चार्जशीट खेकड़ा पुलिस ने विवेचना कर सिर्फ कुख्यात सुनील राठी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। पूर्व सांसद धनंजय सिंह, रिटायर्ड डिप्टी एसपी जेएम सिंह, प्रदीप उर्फ पीके, महाराज सिंह व विकास उर्फ राजा को पुलिस ने क्लीनचिट दे दी थी।