क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में ट्रेड करना और मुश्किल हो सकता है। दरअसल सरकार क्रिप्टोकरंसी पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने को लेकर विचार कर रही है। यह 28 फीसदी जीएसटी क्रिप्टोकरेंसी पर लगने वाले 30 फीसदी टैक्स से अलग होगी।

नई दिल्ली, एएनआइ/बिजनेस डेस्क। वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) परिषद, क्रिप्टोकरेंसी पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने पर विचार कर रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल आगामी बैठक में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा कर सकती है। बैठक की तारीख अभी तय नहीं हुई है।

माना जा रहा है कि प्रस्तावित 28 प्रतिशत जीएसटी क्रिप्टो परिसंपत्ति लेनदेन से आय पर 30 प्रतिशत आयकर के अतिरिक्त होगी। बता दें कि केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के ट्रांसफर से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव रखा था। नए नियम 1 अप्रैल से लागू हो गए हैं।

नए नियमों के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी सहित सभी वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों से होने वाले लाभ पर 30 प्रतिशत कर लगेगा। क्रिप्टोकरेंसी सहित वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाला लाभ कर योग्य है, भले ही करदाता की कुल आय 2.5 लाख रुपये की सीमा से कम हो। 28 फीसदी जीएसटी लगाने से क्रिप्टोकरेंसी पर भारी टैक्स लगने लगेगा। जहां तक ​​कराधान के स्तर का संबंध है, यह क्रिप्टोकरेंसी को कैसीनो, सट्टेबाजी और लॉटरी के बराबर ले आएगा।

गौरतलब है कि भारत, रिजर्व बैंक के समर्थन वाली डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) पेश करने की योजना बना रहा है। इस वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक डिजिटल मुद्रा जारी करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अपने बजट भाषण में ऐलान किया था कि भारतीय रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 2022-23 में डिजिटल रुपया/सीबीडीसी जारी करेगा।

इससे अलग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अप्रैल के अंत में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान क्रिप्टोकरेंसी के दुरुपयोग की आशंका जताते हुए कहा था कि भारत इसके नियमन को लेकर सोच-विचार कर निर्णय करेगा।

उन्होंने कहा था कि क्रिप्टो पर निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा। उन्होंने  कहा था कि मनी लांड्रिंग या आतंकवादियों के वित्तपोषण को लेकर क्रिप्टोकरेंसी में हेराफेरी भी की जा सकती है।