इटावा तहसील चकरनगर क्षेत्र के अंतर्गत भरेह में यमुना चंबल नदी के पावन संगम के तट पर स्थित श्री भारेश्वर महादेव मंदिर पर श्रावण मास के द्वितीय सोमवार पर श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब सुबह 4:00 बजे से बम बम भोले के जयघोष से गूंजा शिवालय मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की लगी लंबी लंबी कतारें भक्तों में दिखा उत्साह श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर रुद्राभिषेक जलाभिषेक व दूध चढ़ाकर बाबा शिव की पूजा अर्चना की भारेश्वर मंदिर पर विराजमान श्री नंदीश्वर महाराज के कान में जो भक्त अपनी मन्नत मांगता है वह मनोकामना नंदी महाराज भक्तों की जरूर पूर्ण करते हैं।

मंदिर के श्री महंत श्री चंबल गिरी महाराज ने बताया की मंदिर मैं महाभारत कालीन अज्ञातवास में यहां पर पांडवों ने बास किया था मंदिर में विराजमान शिवलिंग जोकि बहुत ही विशाल है इस शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा भीम ने की थी मंदिर की लगभग ऊंचाई 400 फिट है मंदिर में 251 सीढ़ियां हैं लता मंदिर में लगभग 1 किलोमीटर सुरंग है महाराज जी ने बताया राजा निरंजन सिंह जूदेव की धर्मपत्नी अपने किले से सुरंग से अंदर ही अंदर संगम पर स्नान करने के बाद अंदर ही अंदर आकर बाबा शिव की पूजा अर्चना करती थी।

महाराज सेंगर सम्राट ने यह सुरंग अपनी महारानी के स्नान और पूजा अर्चना के लिए सुरंग का निर्माण कराया था भरे स्टेट के राजा निरंजन सिंह जूदेव का किला है महाराज सेंगर सम्राट ने महारानी लक्ष्मी बाई के साथ युद्ध लड़ा था और महारानी के साथ युद्ध क्षेत्र में स्वर्ग सुधार गए थे मंदिर पर बहुत ही दूर-दूर से श्रद्धालु आकर मन्नत मांगते हैं और भूत भावन भारेश्वर भगवान सबकी मुरादें पूरी करते हैं।