अभिनव त्रिवेदी

पहला/सीतापुर पूरा मामला जनपद सीतापुर के ब्लॉक पहला का है जहां पर प्राथमिक विद्यालय नट सरैया में तैनात विद्यालय इंचार्ज अध्यापक आकाश ने विद्यालय का कवरेज करने गए पत्रकारों से बड़े अभद्र तरीके से बातचीत की। हुआ कुछ ऐसा की ग्रामप्रधान ने विद्यालय कायाकल्प के नाम पर कुछ भी नही किया जिसकी सूचना गांववालो ने पत्रकारों को दी।

सूचना पाकर पत्रकार विद्यालय पहुंचे जहा पर देखा की बच्चो को विद्यालय के बाहर बिठाकर पढ़ाया जा रहा है और विद्यालय में कायाकल्प के नाम पर कुछ भी नही हुआ है। पत्रकारों ने अपना कवरेज शुरू किया की तब तक विद्यालय में तैनात इंचार्ज अध्यापक आकाश ने डीएम का लिखित आदेश दिखाने की बात की।

पत्रकारों द्वारा खण्ड शिक्षा अधिकारी से फोन के माध्यम से बात की गई वा अध्यापक से बात कराई गई तो इंचार्ज अध्यापक आकाश ने बताया कि खण्ड शिक्षा अधिकारी ने कोई भी जानकारी देने से मना कर रखा है मेरा विद्यालय बंद हो जाए इसके बाद में आप अपना कवरेज कर लेना अभी में आपको न ही तो फोटो खींचने दूगा और न ही वीडियो बनाने दूगा खण्ड शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि अब आप मुझे गुस्सा ना दिलाओ।

जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि पत्रकार को खबर लिखने वा खबर को कवरेज करने से कोई भी नही रोक सकता। बातचीत के दौरान पता चला कि विद्यालय के अंदर बच्चो के सामने मास्टर साहब बड़े अजीब शब्द का प्रयोग करते है।मास्टर साहब सभी बातों में “साला” शब्द का प्रयोग इस तरीके से करते है जैसे “साला” शब्द उनका तकिया कलाम हो। जो अध्यापक बच्चो के सामने इस तरह के शब्दों का प्रयोग करें तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उस विद्यालय के बच्चो का भविष्य क्या होगा।