जब बाहर से ही खरीदनी है दवाई, तो प्राइवेट अस्पतालों में क्यों न कराएं इलाज।

संवाददाता रिपोर्ट

भदोही महाराजा चेत सिंह जिला चिकित्सालय ज्ञानपुर अस्पताल में डॉक्टरों की मनमानी का मामला प्रकाश में आया है जो की लंबे समय से चलता आ रहा। मिली जानकारी के अनुसार ज्ञानपुर जिला चिकित्सालय में डॉक्टर तय समय पर अस्पताल में नहीं बैठ रहे है। वहीं मरीजों को पर्चा बनवाने में लंबी लाइन के कारण घंटो तक समय लग रहा है। लेकिन पर्चा बनवाने का कोई फायदा मरीजों को नहीं मिल रहा है,क्योंकि अस्पताल की ओपीडी में डॉक्टर ही नदारद रहते है या डाक्टर अपने तय समय से नहीं आते है।

नतीजा मरीजों को डॉक्टरों के लिए घंटों तक इलाज के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार अस्पताल में ओपीडी सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक खुलता है हॉस्पिटल में ओपीडी खुलने से पहले लाइन में लगे मरीजों को घंटो इंतजार के बाद इलाज मिलना शुरू होता है तब तक ओपीडी बंद होने का समय हो जाता है। इसीलिए परेशान हुए मरीजों ने ज्ञानपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे चलने की बात कहते हुए अव्यवस्था पर नाराजी जताई।

तो वही गरीब मरीज इस आस में सरकारी अस्पताल पहुंचते हैं कि एक रुपये की पर्ची पर उपचार के साथ दवा मुफ्त मिलेगी। लेकिन, यहां तो खुलेआम और बेखौफ होकर गरीबों की जेब काटी जा रही है। चिकित्सक बाहरी मेडिकल स्टोर्स पर मिलने वाली ब्रांडेड और महंगी दवा का पर्चा मरीजों का थमा रहे हैं।

दरअसल, पूरा खेल मिलीभगत से चल रहा है। बाहरी से मिलने वाली दवा भी उसी कंपनी की लिखी जाती है, जो उन्हें मेडिकल स्टोर्स पर मिलती है, जिनसे साठगांठ होती है। जबकि, अपर निदेशक अधिकारियों का कहना है की बाहर से दवा लिखने पर सख्त रोक है। लेकिन फिर भी डॉक्टर मरीजों पर बाहर से दवा व जांच करने का दबाव बनते है। और अस्पताल में कराई गई जांचो को डॉक्टर साफ मना कर देते है।