उपासना चौहान

अमरोहा और हसनपुर तहसील के ग्रामीण मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे,जहां उन्होंने जिलाधिकारी बालकृष्ण त्रिपाठी को ज्ञापन सौंप कर गाँव में चकबंदी प्रक्रिया को निरस्त कराने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि चकबंदी प्रक्रिया के नाम पर उनका शोषण किया जा रहा है, खेतों की मेड़ पर पेड़ पौधे आदि लगे हुए है कुछ खेतों में आम के बाग भी मौजूद है।

अधिकांश किसानों ने अपने खेतों की सिचाई के लिए ट्यूबेल भी लगवाए है इसलिए चकबंदी प्रक्रिया को पूरी तरह से समाप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि चालक लोग विभागीय कर्मचारियों से सांठगाठ करके अच्छी जमीन हासिल कर लेगे और भोले भाले लोगों के साथ अन्याय हो जाएगा। ग्रामीणों के अनुसार उनके गाँव में चकबंदी प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं है।

सार्वजनिक उपयोग की भूमि पहले से ही आरक्षित है उन्होंने कहा की गाँव में पहले से तमाम सुविधाएं उपलब्ध है जिसमें रास्ता,यक मार्ग सिचाई के लिए नालिया पहले से ही उपलब्ध है। किसानों के ज्यादातर खेत एक ही जगह है उन्होंने कहा की चकबंदी प्रक्रिया गाँव के बाहार लागू की जाय।

इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही चकबंदी प्रक्रिया पर ठोस कदम नहीं उठाया गया तो उग्र आंदोलन किऐ जाएगे हांलाकि डीएम ने ग्रामीणों को हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया है। ग्रामीणों ने कहा की चकबंदी प्रक्रिया जटिल प्रक्रिया की जटिलताओं से किसान भयभीत है। चकबंदी उनके लिए ठीक नहीं है, नए सिरे से चक काटे जाने से विवाद की स्थितियां उत्पन्न होगी।