मिश्रिख – धर्मिक तीर्थ नैमिषारण्य में रविवार को पितृ विसर्जन अमावस्या के मौके भारी बारिस मे भी भोर होते ही भारी संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा अमावस्या की पूर्व संध्या पर ही श्रद्धालुओं का आने का क्रम शुरू हो गया था जो अमावस्या को पूरे दिन देर शाम तक चलता रहा श्रद्धालुओं ने ब्रम्हमुहूर्त से गगनभेदी जयगोष के साथ श्रद्धालुओं ने चक्रतीर्थ, गोमती नदी के राजघाट, देवदेवेश्वर घाट रुद्रावर्त घाट पर स्नान करना प्रारंभ कर दिया था।

स्नान के बाद अपने पूर्वजों के निमित्त पिंडदान तर्पण के साथ पितरों की विदाई के साथ श्रद्धालुओं ने तीर्थ पुरोहितों, कन्याओं व साधु संतों को दान दक्षिणा और फल-फलाहारी आदि दान किया उसके बाद आदिशक्ति ललिता माँ के चरणों में शीश झुकाकर परिवार कल्याण के लिए माता से प्रार्थना की उसके बाद श्रद्धालुओं ने ललितेश्वर महादेव,बाबा भूतनाथ,श्री रामजानकी बद्रीनारायण धाम शिवाला वाले सिद्धेश्वर,

दशाश्वमेघ घाट वाले सिद्धेश्वर,देवदेवेश्वर महादेव, सेतुबंध रामेश्वरम, रुद्रावर्त,व्यासगद्दी,सूतगद्दी,हनुमान गढ़ी,कालीपीठ,बालाजी, देवपुरी,नारदानंद आश्रम, पहला आश्रम, चार धाम आदि देवस्थानों पर माथा टेककर मान मनौती मांगी अमावस्या के पर्व पर विभिन्न पितृ विसर्जन के साथ श्रद्धालुओ ने अपने पूर्वजों के निम्मित भंडारा व भोजन पैकेट वितरित कर मंगल कामना की जिसमें हजारों श्रद्धालुओं द्वारा प्रसाद ग्रहण किया गया।