एक वर्ष गुजर जाने के बाद भी वांछित जन सूचना पाने के लिए दर-दर भटक रहा है आवेदक

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मिश्रिख ब्लॉक में महत्वपूर्ण सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 जिम्मेदारों की मनमानी के आगे हो गया है फेल आम जनता को गंभीर से गंभीर और छोटे-मोटे मामले की प्रशासनिक स्तर से जानकारी और सूचनाएं मुहैया कराए जाने के क्रम में अन्ना हजारे के आंदोलन के उपरांत भारत सरकार द्वारा लागू किया गया सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 मिश्रिख ब्लॉक में अधिकारियों और कर्मचारियों के हाथों की कठपुतली बनकर पूरी तरह फेल दिखाई दे रहा है ज्ञातव्य हो कि निर्धारित शुल्क अदा करने के बाद आवेदकों द्वारा मांगी गई सूचनाएं जिम्मेदार देना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं।

आवेदक परेशान है और ब्लॉक के लोगों द्वारा उसे ताला झाला इसलिए समझा जा रहा कि ग्राम पंचायतों में संचालित विकास योजनाओं में फैले भ्रष्टाचार की सूचनाएं अगर सार्वजनिक हो जाने पर संबंधित अधिकारी और कर्मचारी के भी फसने की पूरी तरह संभावनाएं बनी रहती है उपरोक्त अभीकथन के संबंध में एक सनसनीखेज मामला मिश्रिख ब्लाक की ग्राम पंचायत आट का प्रकाश में आया है इस ग्राम पंचायत में विकास योजनाओं के बाबत यहीं के निवासी तालिब अंसारी द्वारा बीते वर्ष 16 ,11 ,2021 को जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत ग्राम पंचायत विकास से संबंधित तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी/ ग्राम पंचायत सचिव से जन सूचना मांगी थी लेकिन जिम्मेदारों ने उसे कई बार दौड़ाने के बाद भी वांछित सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई गई।

इसके विरोध में आवेदक तालिब ने 16,9,2022 जनपद के जिला पंचायत राज अधिकारी को मामले की प्रथम अपील भेजकर निर्धारित पेनाल्टी राशि सहित वांछित सूचनाएं मुहैया कराए जाने की मांग की जिस पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने 6,10,2022 को खंड विकास अधिकारी मिश्रिख को पत्र लिखकर आवेदक को 1 सप्ताह के अंदर सूचना उपलब्ध कराते हुए आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे मजेदार की बात यह है की जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा जारी किया गया निर्देश पत्र ब्लॉक के जिम्मेदारों की रद्दी की टोकरी में समाया हुआ है और अभी तक आवेदक को वांछित सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई गई है जिस पर जनसूचना पाने से महरूम आवेदक ने बीते 17,11, 2022 को मामले की दूसरी अपील प्रदेश के सूचना आयुक्त को रजिस्टर्ड डाक से भेज कर दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक दंडात्मक कार्रवाई किए जाने के साथ ही आवेदक के अनुरूप सूचना जनहित में उपलब्ध कराए जाने की मांग।

की लेकिन एक सप्ताह गुजर जाने के बाद भी मिश्रिख ब्लाक ने जिम्मेदारों के कानों पर जूं तक रेंगती नहीं दिखाई दे रही है जिससे स्पष्ट है कि इस ब्लॉक के अधिकारियों के आगे भारत सरकार का महत्वपूर्ण सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 पूरी तरह दम तोड़ता हुआ नजर आ रहा है जिस पर जनपद के जिला अधिकारी सूचना अधिकारी को गंभीरता से ध्यान देकर पहल करने की आवश्यकता है ताकि प्रशासनिक नियंत्रण संभालने वाले जिम्मेदार सूचना का अधिकार अधिनियम और मखौल उड़ाने से बाज आसके और आम आवेदकों को समय अवध में ही नियमानुसार मांगी जाने वाली जन सूचना सुगमता से मुहैया हो सके।