दुर्गेश कुमार

बांदा:- इस समय चल रहे ज्येष्ठ महीने में पड़ रही कडाके की गर्मी व तपन में बुद्ध बुद्ध पानी के लिए पशु पक्षी बेहल है वही लाखों की लागत से खुदाई गये क्षेत्र के अधिकतर तालाब सूखे पड़े हुए हैं जिम्मेदार विभागीय अधिकारी भूख दर्शन बंद कर कूलर व पंखे की हवा लेने में मस्त हैं विकासखंड के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में पुजारी गए तालाब महा शोपीस बनकर सूखे पड़े हुए हैं सरकार द्वारा लाखों रुपए लगाकर पेपर्स पक्षियों को पानी मुहैया कराने के उद्देश्य तालाब खुद वाया गए थे परंतु पशु पक्षी तालाब के किनारे चक्कर लगाने के बाद बूंद-बूंद पानी को तड़प रहे हैं जबकि गत वर्ष में जहां गर्मी के महीने में तालाब में पानी भरने की जरूरत है।