अरविन्द कुमार

बाजार शुक्ल,अमेठी।किसानों को बादलों और सिचाई विभाग दोनो की ओर से निराश होते देखा जा रहा है कुछ किसानों को बादलों और नहर का सहारा है लगभग 25 दिन पूर्व हुई बरसात में किसानों ने धान की रोपाई कर लिए लेकिन आकाश में बादलों का अभाव उन्हें निराश करता देखा जा रहा है।

जब किसानों के हित में सिंचाई विभाग की ओर नजर डाली जाये तो उधर भी बादलों की अपेक्षा अधिक निराशा दिख रही है कई माह गुजरे हुए किन्तु क्षेत्र की गिरावाँ और सुबेहा नहरे सूखी पडीं हैं गिरावाँ नहर की स्थित तो ऐसी है कि बडी -बडी झाड़ियों से घिरी हुई है और जितनी दूर तक कस्बा से गुजरती है।

नहर का उतना हिस्सा दुकानदारों द्वारा कूडा -कचरा डालने के काम आता देखा जा रहा है गिरावाँ नहर की दुर्दशा की गाथा तब और चिन्ताजनक हो जाती है जब नहर की पटरी से सटी मांस आदि की दुकानों का रक्त युक्त पानी व कचरा नहर में पाइपों द्वारा निष्कासित किया जा रहा है नहर की दशा तो साफ बयान कर रही है कि लम्बे समय से न तो विभाग द्वारा सफाई करवायी गई ओर न ही नहर में लोगों द्वारा निर्गत किये जा रहे।

दूषित पानी पर रोक ही लगाई जा रही है जिसे सिंचाई विभाग के सक्षम अधिकारी को विजिटि करने की मोहलत तक नही है यह बादलों और नहर की रवैया है जिनसे क्षेत्र के किसानों को दोहरी मार झेलनी पड रही है क्षेत्रीय किसानों द्वारा विभाग का ध्यान आकर्षित किया गया है।