अरविन्द कुमार

अमेठी, महिलाओं और किशोरियों को माहवारी के दौरान कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हर वर्ष 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है ताकि उन्हें झिझक छोड़ने और इस बारे में खुलकर बात रखने का मौका मिल सके।

संयुक्त जिला महिला चिकित्सालय के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ विजय गुप्ता ने बताया कि समाज में फैली मासिक धर्म संबंधी गलत अवधारणाओं को दूर करना और महिलाओं और किशोरियों को माहवारी प्रबंधन संबंधी सही जानकारी देना है। 28 मई की तारीख निर्धारित करने के पीछे मकसद यह है कि मई वर्ष का पांचवां महीना होता है। यह अमूमन प्रत्येक 28 दिनों के पश्चात होने वाले स्त्री के पांच दिनों के मासिक चक्र का परिचायक है।

सीएचसी जामो में कार्यरत महिला चिकित्सक डॉ सुधा तिवारी ने कहा कि मासिक धर्म के बारे में बताने वाली सबसे अच्छी जगह स्कूल हैं। यहां इस विषय को यौन शिक्षा और स्वच्छता से जोड़कर चर्चा की जा सकती है। घर में बच्चियों की मातायें भी इस बारे में अपनी बेटियों को ठीक से बताएं, ताकि उनकी बेटी को किसी के सामने शर्मिंदा न होना पड़े।
जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक बसन्त राय ने बताया कि मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन हमारे लिए महत्वपूर्ण है। लड़कियों को एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए माहवारी को एक प्राकृतिक प्रक्रिया मानना चाहिए।

क्या होती है माहवारी –
माहवारी नौ से 13 वर्ष की लड़कियों के शरीर में होने वाली एक सामान्य हार्मोनल प्रक्रिया है। इसके फलस्वरूप शरीर में महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं। यह प्राकृतिक प्रक्रिया सभी लड़कियों में किशोरावस्था के अंतिम चरण से शुरू होकर (रजस्वला) उनके संपूर्ण प्रजनन काल (रजोनिवृत्ति पूर्व) तक जारी रहती है। आज भी बहुत सी किशोरियां मासिक धर्म के कारण स्कूल नहीं जाती हैं। महिलाओं को आज भी इस मुद्दे पर बात करने में झिझक होती है। कई लोगों को लगता है कि मासिक धर्म अपराध है।

इन बातों का रखें ख्याल-
– घर में रखे पुराने गंदे कपड़े का प्रयोग न करें। इससे संक्रमण का खतरा रहता है।
– छह घंटे के अंतराल पर सैनेटरी पैड बदलना चाहिए।
– समय-समय पर अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई करती रहें।
– पीरियड्स के समय कई बार शरीर में दर्द होता है। इसलिए गर्म पानी से नहाएं।
-अपने बिस्तर की सफाई का ध्यान रखना चाहिए। समय-समय पर बेडशीट बदलती रहें।
– अगर यात्रा पर हैं और शौचालय जाना हो तो सफाई वाली जगह पर जाएं।
– खान-पान का ख्याल रखें और सुपाच्य आहार का सेवन करें।